आकर्षक पर्दो से बढ़ाए अपने घर की शान…

राजसी अंदाज वाले सिल्क और वेल्वेट के भारी-भरकम पर्दों की जगह इन दिनों सिल्क-साटिन और कॉटन-पॉलिएस्टर जैसे हल्के मिश्रित फैब्रिक से बने आकर्षक रंगों वाले पर्दों ने ले ली है। जानकारों की मानें तो यह चलन छोटे होते घरों की देन है। थिएटर में शो के पर्दे को उठते हुए जरूर देखा होगा। उस एक पल में दर्शकों के मन में उसके पीछे के नजारे को लेकर जैसी ललक होती है, कुछ वैसी ही ललक आपके घर के प्रवेशद्वार का पर्दा उठाने से पहले भी लोगों के मन में होती है। अगर पर्दा इंटीरियर को कॉम्प्लिमेंट नहीं करता है, तो हो सकता है कि बहुत अच्छा होने के बावजूद आपके घर का इंटीरियर मेहमानों को प्रभावित न कर पाए। इसीलिए पर्दा ऐसा होना चाहिए, जो आपके घर के इंटीरियर के अनुरूप हो और आगंतुकों की दिलचस्पी का पारा और ऊपर चढ़ा दे। इसके लिए जरूरी है पर्दे से जुड़े हालिया ट्रेंड्स से आपका वाकिफ होना। तो चलिए इस बारे में बात करते हैं।

चलन में हैं मिले-जुले फैब्रिक

भारतीय इंटीरियर बाजार में लंबे समय तक ब्रिटिश शैली के सिल्क और वेल्वेट से बने भारी पर्दों का बोलबाला रहा। इन्हें राजसी अंदाज में ड्रेप किया जाता था। लेकिन इस सीजन ट्रेंड ने दूसरी करवट ली है और ये चलन से बाहर हो गए हैं। छोटे होते घर और कंटेंपरेरी मूड वाले इंटीरियर का बोलबाला बढ़ने के साथ ही मिले-जुले फैब्रिक अब सबसे ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। सिल्क-साटिन, कॉटन-साटिन, कॉटन-पालिस्टर, सिल्क-पॉलिस्टर जैसे मिश्रित फैब्रिक से बने पर्दे आपको हर तीसरे घर में लहराते नजर आ जाएंगे। साथ ही ऑरगेंजा फैब्रिक से बने पारदर्शी पर्दे भी काफी पसंद किए जा रहे हैं।

पसंद आ रहे हल्के रंग

अगर आपका घर छोटा है तो गहरे रंग के पर्दे लगाने से आपको बचना चाहिए। वैसे भी, आजकल खुशनुमा लेकिन हल्के रंग सबसे ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। लेमन ग्रीन, बेबी पिंक, स्काई ब्लूू जैसे रंगों के पर्दे आपके घर को बड़ा दिखाने में मदद करेंगे। इसके अलावा पारदर्शी पर्दे भी आपके घर के इंटीरियर को खूबसूरत दर्शाएंगे। वहीं अगर आपका घर बड़ा है, तो आप हल्के और गहरे रंगों के पर्दों का कॉम्बिनेशन बना सकते हैं।

कुछ प्रिंटेड, कुछ प्लेन

अगर आपके घर का फर्नीचर किसी एक रंग का है, तो आप प्रिंटेड या टेक्सचर वाले पर्दों का चयन कर सकते हैं। वहीं अगर घर का फर्नीचर प्रिंटेड या टेक्सचर युक्त है, तो किसी एक रंग के पर्दों का चयन ही ठीक रहेगा। जहां प्रिंट्स में टेलीफोन, गौरैया या ज्योमेट्रिकल डिजाइन आदि पसंद किए जा रहे हैं, वहीं टेक्सचर्स में फूलों की बेल बूटियों, धारियों और थ्री-डी लुक का बोलबाला है। इसी तरह एक बड़ा ट्रेंड जो आजकल देखने में आ रहा है, वह है प्रिंटेड और प्लेन पर्दों का कॉम्बिनेशन।

सजावट के साथ निजता भी

अगर आपको किसी कमरे में प्राइवेसी की जरूरत है तो वहां लाइनिंग वाले पर्दे लगाने चाहिए। वहीं घर में हल्की रोशनी पाना चाहते हैं तो पारदर्शी पर्दे खरीद सकते हैं। लाइनिंग वाले पर्दे महंगे आते हैं, पर इनके अपने फायदे हैं। ये पर्दे को नुकसान से बचाते हैं। अगर आप चाहते हैं कि पर्दे ज्यादा दिनों तक चलें तो लाइनिंग और इंटरलाइनिंग (तौलिये के फैब्रिक से बनी लाइनिंग, जो लाइनिंग फैब्रिक और मुख्य फैब्रिक के बीच सिली गई होती है) वाले पर्दों का चयन कर सकती हैं।

साड़ी के पर्दे

अगर आपके पास कोई पुरानी वाइब्रेंट कलर की साड़ी है, जिसे आप पहनती नहीं हैं, तो आप उसमें भी कुछ प्रयोग कर नए डिजाइन के पर्दा बनवा सकती हैं। इससे पुरानी साड़ी का अच्छा उपयोग हो जाएगा और इंटीरियर को भी नया लुक मिलेगा।

मौसम के हिसाब से चयन

इन दिनों बहुत सारे लोग मौसम के हिसाब से भी पर्दे बदलते हैं। अगर आप भी अपने घर के इंटीरियर डेकोर को लेकर इतने जागरूक हैं, तो ऐसा कर सकते हैं। जहां गर्मी के मौसम में धूप को घर के अंदर आने से रोकने के लिए सख्त फैब्रिक्स से बने पर्दों का चयन ठीक रहता है, वहीं सर्दी के मौसम में धूप को आसानी से अंदर आने देने वाले पारदर्शी पर्दे ठीक रहते हैं।

कितना लंबा हो पर्दा

पर्दों का चयन करते समय उनकी लंबाई जरूरत से ज्यादा कम या बड़ी हो जाना एक आम समस्या है। ऐसा न हो, इसके लिए पर्दे खरीदने जाने से पहले घर के दरवाजे या खिड़की की लंबाई अच्छी तरह नाप लें। अगर रॉड में पर्दे का कुछ हिस्सा मुड़ता है तो उसका भी अंदाजा ले लें। चाहें तो घर का पर्दा जमीन को छूता हुआ हो सकता है या जमीन की सतह से कुछ इंच ज्यादा लंबा भी हो सकता है। पर जमीन की सतह से छोटे पर्दों का चलन आजकल नहीं है। यहां तक कि खिड़की के पर्दे भी अगर जमीन तक की लंबाई वाले हों तो वे ज्यादा अच्छे लगेंगे।

कीमत

आजकल पर्दे 125-3000 की रेंज में आसानी से मिल जाते हैं। ऐसे में बजट का ध्यान रखते हुए बेहतरीन डिजाइन और आकर्षक रंगों वाले पर्दों का चयन किया जा सकता है।

समय पर सफाई जरूरी…

-पर्दों को समय-समय पर साफ करते रहें। सफाई का तरीका फैब्रिक के प्रकार को ध्यान में रखकर तय किया जाना चाहिए।

-कई फैब्रिक्स की सफाई केवल ड्राई क्लीन के जरिये ही संभव होती है। इन्हें घर में धोने की कोशिश न करें।

-अगर आसान रख-रखाव वाले पर्दों का चयन करना हो तो कॉटन व कॉटन मिश्रित फैब्रिक्स से बने पर्दे लेने चाहिए।

कॉटन या कॉटन मिश्रित फैब्रिक्स को बिना प्रेस किए कभी इस्तेमाल नहीं करना चहिए।

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