झामुमो अपना गढ़ बचाने में जुटा तो भाजपा अपनी प्रतिष्ठा

साहेबगंज। झारखंड विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में राज्य का हाईटेक सीट माने जाना वाले बरहेट विधानसभा को झामुमो का गढ़ माना जाता है। जबकि इस सीट को जीतना भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की विषय बन गया है। विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान 20 दिसम्बर को होना है, जिसे लेकर सभी पार्टियों ने काफी जोर-शोर से प्रचार अभियान चलाया पर अब मतदाताओं पर निर्भर है कि वह किस पार्टी पर भरोसा जताते हैं। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में कुल 277 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें 193000 मतदाता अब तय करेंगे कि इस विधानसभा क्षेत्र का विधायक कौन होगा। 

बरहेट विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा कब्जा अब तक झारखंड मुक्ति मोर्चा का ही रहा है। इस सीट पर अब तक भाजपा का कमल नहीं खिल सका है। इस सीट पर झामुमो के प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन के विधायक रहने से इसे हॉट सीट माना जाता है। पिछली बार हेमंत सोरेन को दुमका में हार और बरहेट से जीत नसीब हुई थी। इस बार भी हेमंत सोरेन दुमका और बरहेट से चुनाव मैदान में है।

भाजपा इस सीट को झामुमो से छीनने के लिए कई रणनीतिकारों के साथ चुनाव में जुटी रही। साथ ही इस विधानसभा क्षेत्र में आजसू पार्टी के उम्मीदवार गमालियल हेंब्रम के चुनाव मैदान में रहने से यह मुकाबला रोचक हो गयाहै। साथ ही पंचकठिया संथाली के पूर्व मुखिया रह चुके झारखंड विकास मोर्चा उम्मीदवार होपना टुडू के अलावा जिला परिषद सदस्य लिली हांसदा सहित कई अन्य निर्दलीय पार्टी भी अपने अपने क्षेत्र में काफी सक्रिय है। बहरहाल अब जनता को तय करना है कि 20 दिसम्बर को वह किसके पक्ष में मतदान कर अपना विधायक चुनते हैं।

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