मोहाली। रविचंद्रन अश्विन को इंडियन टी-20 लीग मैच में जोस बटलर को ‘मांकड़िंग’ आउट करने का कोई मलाल नहीं है। अश्विन का कहना है कि यह फैसला उन्होंने अनायास लिया और अगर यह खेल भावना के विपरीत है तो क्रिकेट के नियमों पर पुनर्विचार होना चाहिए। पंजाब के कप्तान अश्विन ने सोमवार की रात के मैच में राजस्थान के बटलर को मांकड़िंग कर बड़े विवाद को जन्म दे दिया। इंडियन टी-20 लीग के 12 साल के इतिहास में इस तरह आउट होने वाले बटलर पहले खिलाड़ी बने। टीवी रिप्ले में दिख रहा था कि अश्विन ने गिल्लियां बिखेरने से पहले बटलर के क्रीज से बाहर निकलने का इंतजार किया। अश्विन ने मैच जीतने के बाद कहा, ‘यह अनायास लिया गया फैसला था। यह सोच समझकर नहीं किया गया। यह नियम के दायरे में था। मुझे समझ में नहीं आता कि खेल भावना का मसला बीच में कहां से आया।’ उन्होंने कहा, ‘यह नियमों में है। शायद हमें नियमों पर पुनर्विचार करना होगा।’ उन्हें याद दिलाया गया कि वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान कर्टनी वाल्श ने लाहौर में 1987 विश्व कप के अहम मैच में इस तरह के हालात में पाकिस्तान के सलीम जाफर को बख्श दिया था। इस पर अश्विन ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘उस समय ना तो मैं खेल रहा था और ना ही बटलर। ऐसे में यह तुलना बेमानी है।’ इस पर भी बहस हो रही है कि क्या अश्विन ने जान बूझकर गेंद लोड करने में विलंब किया। अश्विन ने कहा, ‘मैंने गेंद लोड भी नहीं की थी और वह क्रीज से बाहर आ गए।
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