इटावा। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के गढ़ सैफई में बने उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान संस्थान में प्राइवेट फर्म के द्वारा करोड़ों के गबन का मामला प्रकाश में आया है। मामले की जांच में दोषी पाए जाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोषी फर्म को ब्लैकलिस्ट कर थाना में मुकदमा दर्ज करवा दिया है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय से भुगतान किए जाने के बाद भी आयुर्विज्ञान संस्थान ने प्राइवेट फर्म शाबरीन चौधरी फर्म के द्वारा एक करोड़ 53 लाख 32 हजार 454 रुपये के ईपीएफ का भुगतान नहीं किया गया है। उक्त फर्म के द्वारा ईपीएफ के सरकारी पैसों का गबन किया है। यह गबन वर्ष 2007 से 2017 के बीच दस वर्षों में किया गया है। फर्म मेसर्स शाबरीन चौधरी बिल्डिंग मैटेरियल सप्लायर एन्ड प्लमबरिंग वर्क्स इटावा (प्रो.सिराज चौधरी) जो कि विश्वविद्यालय में वर्ष 2007 से सफाई व्यवस्था का कार्य देख रही थी, के खिलाफ वित्तीय राजस्व की हानि एवं गबन घोटाला के प्रावधानों के अंतर्गत पांच दिसम्बर को थाना सैफई में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। फर्म के सेनिटेशन एवं सिंपल वेस्ट डिस्पोजल कार्यों तथा कर्मचारियों के ईपीएफ न जमा करने के सम्बंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसके बाद विश्वविद्यालय की तरफ से एक जांच समिति का गठन किया गया था। जांच समिति की संस्तुति के आधार पर जनहित में उक्त फर्म को अक्टूबर 2019 में ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था। जांच समिति के द्वारा फर्म की निम्नलिखित अनियमितताएं पाई गई। उनमें फर्म के द्वारा अपने कर्मचारियों का ईपीएफ जमा न करना, फर्म द्वारा बिलों को चार-चार माह तक भुगतान के लिए प्रस्तुत न करना, फर्म कर्मचारियों और सुपरवाइजरों की सही सूची उपलब्ध न करवाना, फर्म के कर्मचारियों और सुपरवाइजरों को पहचान पत्र और वर्दी उपलब्ध न करवाना, फर्म के कर्मचारियों और सुपरवाइजरों के कार्य का मासिक रोस्टर उपलब्ध नहीं करवाना, फर्म का कार्य विश्वविद्यालय के मापदंडों के अनुसार संतोषजनक नहीं होना है। जांच समिति की रिपोर्ट सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से थाना सैफई में दोषी फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है। मामले में सैफई थाना पुलिस ने जांच शुरु कर दी है।
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