चंडीगढ़ । धान के अवशेष जलाने को लेकर हो रही किरकिरी को देखते हुए ऊर्जा विभाग ने इसे बिजली का विकल्प बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। ऊर्जा विभाग की ओर से पराली की समस्या का एक साल में निदान करने का दावा किया गया है। बिजली कंपनियों की ओर से 50 लाख टन पराली खरीने की योजना भी तैयार की जा रही है, जिससे बिजली पैदा की जाएगी। यह फैसला मंगलवार को हरियाणा निवास में ऊर्जा मंत्री रणजीत चौटाला की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक में ऊर्जा विभाग के एसीएस से लेकर बिजली निगमों के एमडी व उच्चाधिकारियों ने शिरकत की।
पहली बैठक में ही ऊर्जा मंत्री रणजीत चौटाला एक्शन मोड में नजर आए। ऊर्जा मंत्री ने दावा किया किया कि आगामी एक महीने में ऐसा काम किया जाएगा कि लोग कहेंगे रणजीत चौटाला ने काम किया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी 15 दिन में गांव और शहरों में लटकती तारों को दुरुस्त किया जाएगा। पराली के समाधान को लेकर ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिजली कंपनियों के साथ पराली खरीदने की योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता गांवों में 24 घंटे बिजली देने की है।
कई जिलों में यह लक्ष्य निर्धारित किया जा चुका है। यहां पर डिफाल्टर हैं और बिल नहीं भरते हैं, उसमें सुधार किया जाएगा। एक साल में इस दिशा में पूरी तरह सुधार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले किसानों को आठ घंटे बिजली सप्लाई होती थी, अब 10 घंटे बिजली सप्लाई की जाएगी। ऊर्जा मंत्री ने ढाणियों में भी बिजली सप्लाई सुचारू करने की योजना तैयार की है। ढाणियों को जगमग करने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी सिस्टम लगाया जाएगा। ढाणियों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। गांवों में रहने वाले लोगों को भी इसका फायदा मिलेगा। ऊर्जा मंत्री ने भाजपा के पहले कार्यकाल में शुरू हुई म्हारा गांव-जगमग गांव योजना की प्रशंसा की और कहा कि योजना अच्छी चल रही है। इसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं।
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