बाबूलाल मरांडी को महागठबंधन में लाने की कवायद तेज, रामेश्वर उरांव ने की मुलाकात

बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन का नेतृत्व स्वीकार करने को तैयार नहीं, अकेले चुनाव लड़ने की कर चुके हैं घोषणा

रांची । झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को महागठबंधन में लाने की कवायद तेज हो चुकी है। झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने बाबूलाल मरांडी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई ये अभी सामने नहीं आ पाया है। बता दें कि बाबूलाल मरांडी महागठबंधन के तहत हेमंत सोरेन का नेतृत्व स्वीकार करने से मना कर दिया है। साथ ही सीटों के बंटवारे को भी लेकर कोई सहमति न बनता देख बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। उधर, रामेश्वर उरांव आज शाम हेमंत सोरेन से भी मुलाकात करेंगे।

झामुमो-कांग्रेस के रवैये को झाविमो ने माना है नकारात्मक

झाविमाे प्रमुख बाबूलाल मरांडी खुद राजधनवार सीट से चुनाव लड़ेंगे अाैर सभी सीटाें पर अपना प्रत्याशी उतारेंगे। इससे राज्य की अधिकतर सीटाें पर अामने-सामने नहीं, बल्कि त्रिकाेणीय मुकाबला हाेने के अासार हैं। झाविमाे ने गठबंधन के ताैर-तरीकाें पर झामुमाे-कांग्रेस के रवैये काे नकारात्मक माना है।

झाविमो का महागठबंधन से दूरी की वजहें

बाबूलाल मरांडी किसी भी कीमत पर झामुमो नेता हेमंत सोरेन को महागठबंधन का नेता मानने को तैयार नहीं हैं।

कम से कम 22 सीटें चाहता है झाविमो, पर झामुमो-कांग्रेस 10-12 सीटों ही देने को तैयार।
झाविमो का मानना है कि कांग्रेस-झामुमो सीटें बढ़ाने के लिए उनका इस्तेमाल कर रही है।
प्रभात तारा मैदान में हुई रैली से उत्साहित बाबूलाल ने नए सिरे से पार्टी को खड़ा करने का मन बनाया।
झाविमो को लगता है कि वह 8 से 10 सीटें जीतकर सत्ता की चाभी अपने पास रख सकता है।
भाजपा और महागठबंधन से दूरी बनाकर झाविमो खुद को अलग दिखाना चाहता है।
अंतर्मन कहता है, अकेले लड़ें : मरांडी

बाबूलाल मरांडी ने कहा था कि उनका अंतर्मन कहता है कि इस बार चुनाव में अकेले जाएं। उन्होंने कहा था कि अपने पहले के अनुभवों को देखता हूं ताे कई प्रकार की शंकाएं जन्म लेती हैं। इस बार भी गठबंधन को लेकर अब तक कोई ठोस बात नहीं हुई। सिर्फ व्यक्तिगत रूप से बैठे, पर कोई गंभीर बातें नहीं हुईं।

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