बारिश नही हुई किसान वैकल्पिक व्यवस्था से कर रहें खेतों की जूताई

गुमला: कृषि प्रधान जिला गुमला के किसानों को अब जिन किसानों के खेतों के आसपास तालाब, कुआं या नाला में जल संसाधन है वैसे किसानों ने अपने-अपने खेतों की जूताई के लिए प्राकृतिक बारिश की जगह वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अपने जीवन यापन करने के लिए अनाज तो उपज हो सकता है। अबतक यही हालात किसानों के समीप बनी हुई है। अधिकांश किसानों के सामने बिचडा सुखने की कगार पर आ गए हैं और दो चार दिन यदि बारिश नही हुई तो किसानो के सामने आर्थिक संकट गहराता जाएगा गांव पिल्की में आप इस तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार किसान अपने-अपने क्षेत्र में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सिचाई कर रहे हैं और अपनी लगाई हुई पूंजी को बचाने के लिए बिचडे की रोपाई के लिए खेतों में हल बैल के साथ जी-तोड़ मेहनत के साथ लगे हुए हैं। गुमला जिला कृषि क्षेत्र के साथ सालों भर सिर्फ एक धान की खेती के लिए जाना जाता है और यदि फसल अच्छी नही हुई तो गुमला का बाजार भी प्रभावित होता है। ऐसा व्यापारिक दृष्टिकोण से भी जाना जाता है कि जब भी ग्रामीण क्षेत्रों में कोई शादी विवाह या अन्य कोई भी जरूरतमंद चिजों की जरूरत किसानों को होती है लोग धान की बिक्री पर निर्भर है ताकि अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए खेती-बाड़ी ही एक मात्र मार्ग है। 

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