ना कोई सभा, ना कोई बोल, किया रोड शो और हो गईं गोल

  • अपनी चाची के लोकसभा क्षेत्र में प्रियंका के कुछ न बोलने से समर्थकाें में निराशा

लखनऊ। गुरुवार को सुबह से ही लोगों की निगाहें टिकी थी कि अपनी चाची के खिलाफ रोड-शो करने के लिए आ रहीं प्रियंका वाड्रा क्या बोलेंगी। अपनी चाची के प्रति उनका रवैया कैसा रहेगा। उनके बोल तीखें होंगे या सामान्य। इस मानसिक कौतुहल को शांत करने के लिए उनके रोड शो में उनके समर्थकों के साथ ही काफी संख्या में ऐसे लोग भी पहुंचे जो उनके समर्थक नहीं हैं। लेकिन शाम को पहुंची कांग्रेस महासचिव अपनी बच्ची के साथ रथ पर सवार हो गयीं। बीच-बीच में पत्रकारों ने उन्हें कुरेदने की कोशिश भी की लेकिन उन्होंने सुलतानपुर लोकसभा क्षेत्र में अपना मुंह नहीं खोला। एक व्यक्ति ने उनके इस दौरे पर कहा कि ‘ना कोई सभा, ना कोई बोल, किया रोड शो और हो गईं गोल।’ यह उक्ति उन पर सटीक बैठती है। उनकी सभा के संबंध में वरिष्ठ पत्रकार सुनील शर्मा का कहना है कि सुलतानपुर के लोगों में प्रियंका वाड्रा को सुनने के लिए बहुत आतुरता थी। सब लोग टकटकी लगाए हुए थे लेकिन उनके द्वारा कुछ भी न बोलने के कारण लोगों में काफी निराशा हुई। देर शाम को पहुंची प्रियंका दूसरों के साथ ही अपने कट्टर समर्थकों को भी निराश करके चलीं गयीं। वहीं वरिष्ठ पत्रकार विजय पांडेय ने कहा कि संजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन उनके भाव-भंगिमा को देखकर भी लगता है कि वे मेनका गांधी के खिलाफ आक्रामक नहीं हो पा रहे हैं। उनके चेहरे पर कहीं न कहीं संजय गांधी के साथ रहने का असर दिख रहा है। प्रियंका के आने की खबर पर लोगों को लगा कि कुछ आक्रामक रूख रहेगा लेकिन वे भी लोगों को निराश कर गयीं। वहीं कुरेभार के शुकुलहिया गांव निवासी अजित शुक्ला का कहना है कि सबकी निगाहें प्रियंका द्वारा कुछ बोलने पर टिकीं थीं लेकिन उनके कुछ न बोलने से लोगों को काफी निराशा हुईं। ऐसी बातें राम कुमार, शिव पूजन, सुखलाल, राम वचन आदि ने की। इन युवाओं ने कहा कि हम रोड शो देखने नहीं, हम तो प्रियंका को सुनना चाहते थे और यह देखना चाहते थे कि अपनी चाची की अपेक्षा उनके बोल में ज्यादा दम है या कम लेकिन यहां निराशा ही हाथ लगी।

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