धोनी को ऊपर खेलने आना चाहिए था : सुनील गावसकर

नई दिल्ली। सचिन तेंडुलकर, सौरव गांगुली के बाद अब भारतीय टीम के एक और पूर्व कप्तान ने सेमीफाइनल में धोनी के बल्लेबाजी क्रम को लेकर सवाल खड़े किए हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और सलामी बल्लेबाज सुनील गावसकर का मानना है कि न्यू जीलैंड के साथ मैनचेस्टर में हुए सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान जब भारत ने अपने शुरुआती तीन विकेट सस्ते में गंवा दिए थे, तब महेंद्र सिंह धोनी को बल्लेबाजी के लिए ऊपर आना चाहिए था। गावसकर विश्व कप से जुड़ी भारतीय टीम प्रबंधन की नीतियों के आलोचक रहे हैं। गावसकर ने हमेशा भारतीय बल्लेबाजी क्रम में बदलाव की वकालत की है, जो हालात के अनुरूप होनी चाहिए लेकिन न्यू जीलैंड के हाथों मिली हार से वह काफी खफा हैं। स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत के दौरान गावसकर ने कहा कि जब भारत ने अपने तीन टॉप बल्लेबाजों के विकेट सस्ते में गंवा दिए थे, तब हार्दिक पंड्या और ऋषभ पंत बल्लेबाजी कर रहे थे। दोनों मिजाज के लिहाज से एक जैसे बल्लेबाज हैं। उनकी जगह एक छोर पर धोनी को होना चाहिए था, जो पंत को संयमित रहने की सलाह दे सकते थे। आखिरकार पंत एक खराब शॉट खेलकर आउट हुए, जो भारत के लिए बाद में काफी महंगा साबित हुआ। पूर्व कप्तान ने कहा, ‘जब हमने 24 रन पर 4 विकेट गंवा दिए थे, तब पंत और पंड्या विकेट पर थे। दोनों एक ही मिजाज के खिलाड़ी हैं। दोनों आक्रामक हैं। वहां तो धोनी जैसा अनुभवी और संयमित बल्लेबाज एक छोर पर होना चाहिए था, जो इनमें से किसी एक को संयमित रहकर खेलने की सलाह देता। आखिरकार दोनों बल्लेबाज गैरजिम्मेदाराना तरीके से आउट हुए और यही भारत को भारी पड़ गया।’ गावसकर के मुताबिक धोनी अपने साथियों की मनोदशा को समझते हैं और यही कारण था कि वह पंत या फिर पंड्या को सही तरीके से समझाकर विकेट पर बने रहने के लिए प्रेरित कर सकते थे। बकौल गावसकर, ‘वह (धोनी) अगर विकेट पर होते तो वह पंत को समझा सकते थे, जो काफी उतावले नजर आ रहे थे। कप्तान ने अहम मुकाम पर दो ऐसे खिलाड़ियों को भेज दिया, जिनके खेलने का तरीका ‘मारो बस मारो’ है। उस वक्त गेंद काफी अनियमित खेल रही थी और ऐसे में विकेट पर बने रहते हुए हालात के हिसाब से खेलने की जरूरत थी। ऐेस में तो आपको ऐसे किसी व्यक्ति की जरूरत थी, जो विकेट पर ठहर कर खेल सकता था।’ हालात के विपरीय विराट कोहली ने उस मैच में धोनी को नम्बर-7 पर बल्लेबाजी के लिए भेजा था। पूरे टूर्नमेंट में धोनी इतना नीचे नहीं खेले थे। इसे लेकर कोहली का अपना अलग मत था। कोहली ने मैच के बाद कहा था, ‘धोनी ने हालात के हिसाब से अपनी भूमिका के साथ न्याय किया। हमने उन्हें इसीलिए विकेट पर काफी देरी से भेजा था। हम चाहते थे कि वह अंत तक विकेट पर रहें और जब छह या सात ओवर रह जाएं तो हालात के हिसाब से बल्लेबाज करें। हमारी रणनीति फ्लॉप रही क्योंकि वह रन आउट हो गए।’

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