दुष्कर्म को संसद में साम्प्रदायिक रूप देने वाली कांग्रेस माफी मांगे : विहिप

नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) ने देश में महिलाओं के प्रति बढ़ते दुष्कर्म जैसे संवेदनशील अपराधों पर संसद में चर्चा के दौरान उसे सांप्रदायिक व राजनैतिक रंग देने की कोशिश पर चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से माफी की मांग की है। विहिप ने केंद्र सरकार से ऐसे जघन्य अपराधों के लिए कठोरतम सजा और संतों व महापुरुषों से चर्चा कर संस्कार देने वाली उचित व्यवस्था का निर्माण करने की भी अपील की है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेन्द्र जैन ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी स्पष्ट करें कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का बयान व व्यवहार क्या कांग्रेस के चिंतन के अनुकूल है। यदि नहीं तो उन्हें इस बयान के लिए संपूर्ण देश, विशेषकर महिलाओं से क्षमा याचना करनी चाहिए और चौधरी पर कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी स्वयं एक महिला हैं और महिलाओं से संबंधित ऐसे संवेदनशील विषय पर उनको अपनी स्थिति अति शीघ्र स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं से पूरा देश आहत है और वह अपराधियों को कठोरतम दंड देने की मांग कर रहा है। वहीं लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा ऐसे मामले पर राजनीति करना अपने आप में क्रूर अपराध है। उन्होंने कहा कि चौधरी ने संसद में कहा था, “एक ओर मंदिर निर्माण की तैयारी चल रही थी और दूसरी ओर सीता को जिंदा जलाया जा रहा था”, घोर निंदनीय और आपत्तिजनक है। इन दोनों विषयों में कोई साम्य ना होने के बावजूद जिस तरह इनको जोड़ा गया, वह उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है। उनका यह बयान न केवल सीता माता का अपमान है वल्कि इस विषय पर देश की सम्वेदनाओं को भी आघात पहुंचाता है। डॉ जैन ने यह भी कहा कि भारत में बढ़ते हुए बलात्कार जैसे संवेदनशील विषय पर लोकसभा में हुई चर्चा को कुछ सांसदों ने जिस तरह से सांप्रदायिक व राजनैतिक रंग देने की कोशिश की वह चिंतनीय है। सांसदों के वक्तव्य व व्यवहार उन सांसदों की मानसिकता को स्पष्ट करते हैं। राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के विषय पर तो इन लोगों की राम विरोधी मानसिकता पहले से ही स्पष्ट थी परंतु बलात्कार जैसे घिनौने विषय पर भी कोई राजनीति कर सकता है, यह किसी सभ्य समाज में अकल्पनीय है।

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