मुख्यमंत्री शनिवार को गया में करेंगे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास

  • मुख्यमंत्री नीतीश जनसभा को करेंगे संबोधित
  • विकास कार्यों की समीक्षा भी करेंगे मुख्यमंत्री


गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार दोपहर बाद जिला मुख्यालय पर एतिहासिक गांधी मैदान में करीब 227.81 रुपये की कई विकास कार्यों का शिलान्यास और 160.37 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन करेंगे। जिला प्रशासन और जदयू की ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रस्तावित गया दौरे को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। शनिवार को होने वाले कार्यक्रम को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्षेत्र के लिये नयी घोषणा कर सकते हैं। सीएम के गया आगमन को लेकर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के आला अधिकारी गया पहुंच रहे हैं और अपने विभागों की जानकारी एकत्र करने में लगे हैंं ताकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आयुक्त कार्यालय में प्रस्तावित समीक्षा बैठक में होने वाले प्रश्नों का जबाव दे सकें। मुख्यमंत्री नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट “सात निश्चय” योजनाओं में हर घर, नल-जल योजना प्राथमिक सूची में शामिल है। पीएचडी विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने गुरुवार को ही गया में अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना की प्रगति की समीक्षा की है। इस मौके पर मुख्यमंत्री की होने वाली जनसभा के लिये अधिक से अधिक श्रोताओंं की संख्या सुनिश्चित कराने के लिए जदयू के महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रसाद उर्फ राजू वर्णवाल और जिलाध्यक्ष शौकत अली के नेतृत्व में कई बैठकें हो चुकी है। राजनीतिक दृष्टिकोण से भी मुख्यमंत्री का यह दौरा महत्वपूर्ण है। बिहार में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होना है। गया लोकसभा चुनाव क्षेत्र जनसंघ से लेकर भाजपा का बिहार में सर्वाधिक मजबूत गढ़ रहा है। लेकिन इसबार जदयू के उम्मीदवार ने गया लोकसभा चुनाव जीतकर जदयू का परचम फहराया। अब यहां जदयू अपने संगठन को मजबूत बनाने के लिए रणनीति की कमान आरसीपी सिंह को सौंपी है। वार्ड स्तर पर चुनाव संपन्न हो गया है। अब नगर से लेकर जिला स्तर तक चुनाव प्रक्रिया अंतिम चरण में है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष अध्यक्ष पद और टिकट की दावेदारी को मजबूत करने के लिये अधिक से अधिक भीड़ लाने की होड़ मची हुई है। बदली हुई परिस्थितियों में कश्मीर में अनुच्छेद 370 रद्द करने के एतिहासिक निर्णय के बाद भाजपा का राजनीतिक कद और बढ़त ने पक्ष एवं विपक्ष के नेताओं को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने को मजबूर कर दिया है। जदयू के जिला स्तरीय कई नेताओं को इस मुद्दे पर अपनी पार्टी का स्टैंड रास नहीं आया। इसके अलावा मोदी सरकार में जदयू कोटे के मंत्री के शामिल नहीं होने एवं बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार के बाद गठबंधन के भविष्य को लेकर लेकर कई सवाल उठते रहे हैं।

This post has already been read 9200 times!

Sharing this

Related posts