रांची। झारखण्ड उच्च न्यायालय की वरीय अधिवक्ता ऋचा संचिता ने कहा है कि रक्तदान करने से किसी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है, बल्कि हम समय-समय पर रक्तदान कर कई बड़ी बीमारियों से भी बच सकते हैं।
संचिता सोमवार को कुसाई कॉलोनी वेलफेयर सोसायटी, झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड रांची एवं ब्लड बैंक, रिम्स के सहयोग से कुसई कॉलोनी में आयोजित रक्तदान शिविर में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि समाज में रक्तदान के प्रति भ्रांतियों को जागरुकता से ही दूर किया जा सकता है। अस्पतालों में रक्त की कमी को देखते हुए लोग स्वयं आगे आएं और रक्तदान शिविरों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। खासकर युवा वर्ग रक्तदान शिविरों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले और इसे लेकर दूसरों को भी जागरूक करे। इस अवसर पर ऋचा संचिता ने खुद भी रक्तदान किया।
रक्त की एक-एक बूंद किसी की जान बचा सकती है
रक्तदान शिविर में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि हम सब को समय-समय पर रक्तदान करते रहना चाहिये। हम इससे स्वयं को स्वस्थ रखने के साथ-साथ किसी जरूरतमंद की जीवन रक्षा में भी सहयोग कर सकते हैं। निरंतर रक्तदान शिविर के आयोजन से अस्पतालों में रक्त संबंध इमरजेंसी खत्म हो सकेगी।
रक्तदान कर जरूरतमंद के काम आएं
रक्तदान शिविर में आईएस अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री ने भी रक्तदान किया और युवाओं से रक्तदान की अपील की।उन्होंने बताया कि वे पिछले 10 साल से समय-समय पर रक्तदान करते आ रहे हैं। लोगों में आमतौर पर धारणा है कि रक्तदान से शारीरिक कमजोरी होती है, जबकि ऐसा कतई नहीं है। बल्कि रक्तदान से शरीर से अधिक रक्त निकल जाता है और कुछ ही दिन में नया रक्त बन जाता है।
रिम्स के डॉ. चंद्रभूषण ने कहा कि रिम्स में रोजाना 40-50 युनिट रक्त जरूरतमंदों को दिया जाता है। मानव रक्त का दूसरा कोई विकल्प नहीं है। इसे मानव द्वारा दिये गये रक्त से ही पूर्ति की जा जकती है। उन्होंने बताया कि रक्तदान से हृदय रोग की भी संभावनाएं कम हो जाती हैं। कुसाई कॉलोनी वेलफेयर सोसायटी समिति के सचिव (वित्त) राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि सोसायटी द्वारा सामाजिक हितों के लिये हमेशा प्रयास किये जाते रहे हैं। आज के रक्तदान शिविर में लगभग 100 युनिट रक्त संग्रह किये गये।
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