जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे घनश्याम तिवाड़ी अब कांग्रेस का हाथ थामेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार की शाम उन्हें जयपुर में कांग्रेस की सदस्यता दिलाएंगे। तिवाड़ी लंबे समय से भाजपा में हाशिये पर चल रहे थे। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने अपनी नई भारत वाहिनी पार्टी बनाई थी, लेकिन चुनाव पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। लोकसभा चुनाव से पहले तिवाड़ी के कांग्रेस का दामन थामने से राजस्थान की राजनीति में बड़ी हलचल हो गई है। तिवाड़ी प्रखर वक्ता, आक्रामक नेता, राजनीतिक विचाराधारा से परिपक्व और विधानसभा के सबसे अनुभवी नेताओं में शुमार हैं।हालांकि इस बार वह अपनी पार्टी से सांगानेर से चुनाव ही नहीं हारे थे बल्कि जमानत तक नहीं बचा पाए थे। तिवाड़ी कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले थे। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, लेकिन तब तिवाड़ी ने पत्ते नहीं खोले थे। लोगों का मानना था कि तिवाड़ी को विश्वास था कि लोकसभा में भाजपा उनकी नाराजगी दूर करते हुए फिर बुलाएंगी, लेकिन अब भाजपा के किनारा करने के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थामने का मन बना लिया है।
लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए कांग्रेस में शामिल :
तिवाड़ी वसुंधरा राजे की कार्यशैली से नाराज होकर भाजपा में रहते हुए भी चार साल तक बागी की भूमिका में दिखे थे। वसुंधरा राजे से मतभेद होने के कारण उनको मंत्रीमंडल में जगह नहीं मिली थी। इसके बाद तिवाड़ी ने विधानसभा चुनाव से एक साल पहले नई पार्टी गठित की, लेकिन चुनाव में वह खुद और उनके प्रत्याशी एक भी जगह से नहीं जीत पाए। बीते महीने से वह शांत थे, लेकिन अब उनके बड़े फैसले ने सभी को चौंका दिया है। तिवाड़ी ने मंगलवार सुबह अपने घर में मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि वह कांग्रेस में राजनीतिक मूल्यों के संरक्षण के लिए शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अकेले या नई पार्टी बनाकर इस कार्य में सक्षम नहीं थे। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस में लगातार बदलाव आ रहा है। कांग्रेस बदली विचाराधारा और देश में अच्छी सोच के साथ आगे बढ़ रही है। इस कारण उन्होंने स्वयं निर्णय लिया कि कांग्रेस के साथ मिलकर इस कार्य में लगा जाए। हालांकि उन्होंने माना कि यह कार्य आसान नहीं है। तिवाड़ी ने कहा कि वह कांग्रेस में जाने के बाद उनकी पिछली पृष्ठभमूमि क्या रही, यह सवाल नहीं है बल्कि देश को कैसे बचाना है और देश में तानशाही प्रवृति सेना का राजनीतिकरण करने वाले लोगों से कैसे देश को बचाना है इस तरफ सोचना होगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में अभी तीसरे मोर्चे का कोई अस्तित्व नहीं है। इस कारण यह कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जिसके साथ मिलकर वह अपने उद्देश्यों को पूरा कर सकते हैं। तिवाड़ी ने कहा कि वह कांग्रेस में रहते हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताने में पूरा ध्यान देंगे। उन्होंने कह कि वह बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उन्होंने किसी जगह से टिकट नहीं मांगा है।
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