फिटनेस ट्रेनर बनने से पहले जरा इन बातों पर भी दें ध्यान

आप नौ-दस घंटे की सिटिंग जॉब करते हों या फास्ट फूड के शौकीन हो, व्यायाम को लेकर आलसी हो या हेल्दी डाइट के प्रति जागरूक न हो तो आप अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और शायद हर बार गलती आपकी नहीं होती। या तो आप बहुत व्यस्त होते हैं या फिर आपको उचित डाइट की जानकारी नहीं होती। अब क्या किया जाए?

ऐसे में आपको आवश्यकता है एक अच्छे फिटनेस ट्रेनर की। एक अच्छा फिटनेस ट्रेनर आपको न सिर्फ आपकी सेहत की अनुसार व्यायाम की जानकारी देगा बल्कि अलग-अलग डाइट के बारे में आपकी जानकारी भी बढ़ाएगा। रोजमर्रा की भागदौड़ को भूलाने, मानसिक तनाव से जूझते और शरीर को सही आकार में रखने के लिए व्यायाम आवश्यक है। वह जमाना गया जब पर्सनल ट्रेनर सिर्फ खिलाड़ियों, एथलीट या बड़े सेलिब्रिटी के लिए ही होते थे। आज लोग फिट रहने और वहां काम करने के लिए एरोबिक्स इंस्ट्रक्टर, योगा इंस्ट्रक्टर तथा पर्सनल ट्रेनर की मांग करते हैं।

कैरियर के अवसर

आज फिटनेस ट्रेनर की मांग जिम, बड़े होटल, हेल्थ क्लब, फिटनेस सेंटर, स्पा, टूरिस्ट रिसॉर्ट जैसी तमाम जगहों पर है। कुछ समय का अच्छा अनुभव लेकर आप स्वयं का फिटनेस सेंटर भी शुरू कर सकते हैं। यहां तक कि बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां भी अपने कर्मचारियों के लिए समय-समय पर वर्कपैलेस वेलनेस तथा फिटनेस प्रोग्राम का आयोजन करती हैं, जहां फिटनेस ट्रेनर की जबरदस्त मांग होती है।

फिटनेस इंडस्ट्री आज अपनी चरम सीमा पर है। आज भारत में फिटनेस उद्योग 2, 000 करोड़ रुपए से भी अधिक पर हिस्सा रखता है। हाई टेक जिम और हेल्थ क्लब ने इसको युवाओं के बीच और अधिक प्रचलित बनाया है। कोर्स के बाद आप इसमें से किसी भी कैरियर का चुनाव कर सकते हैं: एथलीट ट्रेनर, डाइटिशियन, स्पोटर्स कोच, फिजिकल थेरेपिस्ट।

कार्य का दायरा

एक फिटनेस ट्रेनर के तौर पर आपको शारीरिक फिटनेस के साथ साथ एरोबिक्स, फैलेक्सीबिल्टी ट्रेनिंग, बीएमआई, पोषण तथा ट्रेनिंग से जुड़े समस्त उपकरणों आदि का ज्ञान होना अनिवार्य है। इससे लोगों को सही सलाह देने में आसानी होती है। यदि आपको ये समस्त जानकारी है, तो आप उनके शरीर के ढांचे और वजन को देखते हुए उनके लिए एक अच्छी डाइट निर्धारित कर सकते और फिट रहने के लिए उपकरणों के सही प्रयोग के बारे में ज्ञान दे सकते हैं।

-एक फिटनेस ट्रेनर को फिटनेस, न्यूट्रिशन, वेट मैनेजमेंट, स्ट्रैस रिडियूशन, हेल्थ रिस्क मैनेजमेंट आदि जैसे विषयों पर ध्यान देना होता है।

-एरोबिक्स इंस्ट्रक्टर के तौर पर आप वर्कआउट सत्र में एरोबिक्स, स्ट्रेचिंग तथा मसल्स एक्सरसाइस पर ध्यान देते हैं।

-खेल जगत में एथलीट का स्टेमिना बढ़ाने के लिए आप जॉगिंग, वेट लिफ्टिंग, पुशअप जैसे विशेष व्यायामों पर जोर देते हैं।

-यदि आप एक योग व नेचुरोपेथी एक्सपर्ट हैं तो आप प्रकाशित तौर पर व्यायाम से रोग-मुक्त रहने के गुर भी सीखते हैं।

-इस कार्य में आपको अच्छी बातचीत और व्यावहारिक कला भी आनी चाहिए, क्योंकि आप कई प्रकार के लोगों के संपर्क में आते हैं।

हालांकि कोर्स के तुरंत बाद मासिक आय थोड़ी कम होती है, पर अनुभव के साथ-साथ यदि आप हाइ-एंड फिटनेस सेंटर, स्पा और रिसॉर्ट से जुड़कर काफी अच्छा कमा सकते हैं।

कहां से कोर्स करें?

फिटनेस ट्रेनिंग के कोर्स की अगर बात की जाए तो आप नाइक एरोबिक्स कोर्स या रिबॉक इंस्ट्रक्टर सर्टिफिकेशन प्रोग्राम जैसे प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकते हैं, जो मुंबई के तलवालकर संस्थान जैसे कई स्थानीय स्तर पर कराए जाते हैं। ये बेसिक कोर्स करीब 80 घंटे की अवधि के होते हैं, जिसमें से 30 घंटे थ्योरी से सिद्धांत पढ़ाए जाते हैं और बाकी भाग प्रैक्टिकल सैशन का होता है।

-रिबॉक इंडिया वर्ष में 2 बार रिबॉक इंस्ट्रक्टर एलीयांस प्रोग्राम आयोजित करता है।

-यदि आप योग तथा नेचुरोपेथी में स्नातक होना चाहते हैं तो भारत में ये कोर्स करीब साढ़े पांच साल का होता है।

-सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योग एंड नेचुरोपैथी ने इसमें 1 वर्ष डिप्लोमा कोर्स भी शुरू किया है। भारत में इसके कुल 17 केंद्र हैं।

फिजिकल एजुकेशन में स्नातक व स्नाकोत्तर के साथ कई अन्य कोर्स उपलब्ध कराने वाले कुछ प्रमुख संस्थान निम्नलिखित हैं:

-इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोटर्स साइंस, दिल्ली।

-लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन।

-साई, एनएस साउथ सेंटर, यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु।

-साई, एनएस ईस्टन र्सेंटर, साल्ट लेक सिटी, कोलकाता।

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