अगस्ता वेस्टलैंड: क्रिश्चियन मिशेल को कोर्ट का नोटिस, हर हफ्ते 15 मिनट आईएसडी फोन कॉल मामले में मांगा जवाब

नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल को हर सप्ताह 15 मिनट तक इंटरनेशनल कॉल कर परिजनों से बात करने के लिए ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई अनुमति के खिलाफ दायर याचिका पर मिशेल को जवाब देने का निर्देश दिया है। जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच ने मिशेल को तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान मिशेल ने कहा कि उसे जेल में ठंडा पानी नहीं दिया जाता है। मिशेल ने कहा कि मनी लांड्रिंग के मामले में पेश होने के लिए कोर्ट ने उसे दो बार पहले भी नोटिस जारी किया था लेकिन उसे नोटिस नहीं दिया गया। उसके बाद कोर्ट ने हमारे खिलाफ आदेश पारित कर दिया। तब कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट बताएगा कि मिशेल को नोटिस जारी किया गया या नहीं।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या मिशेल का कॉल इंटरसेप्ट किया गया तो दिल्ली पुलिस ने कहा कि ये रिकॉर्ड किया गया। मिशेल के वकील ने कहा कि उनका परिवार लंदन में रहता है और टाइम जोन का फर्क है। तब कोर्ट ने मिशेल को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

31 जुलाई को हाईकोर्ट ने मिशेल के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया था, जिसके बाद आज मिशेल को कोर्ट में पेश किया गया था। 14 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने मिशेल को विदेश में रह रहे अपने परिजनों और वकीलों से बात करने की अनुमति दी थी। स्पेशल जज अरविंद कुमार ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि मिशेल को हफ्ते में 15 मिनट आईएसडी कॉल करने की अनुमति दी जाए।

इसके साथ ही पटियाला हाउस कोर्ट कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि वो बाकी कैदियों के बराबर ही मिशेल को भी भारत में कॉल करने की अनुमति दें। कोर्ट ने कहा था कि इमरजेंसी में मिशेल को अपने वकील से बात करने की अनुमति दी जाए।

मिशेल के वकील अल्जो के जोसफ ने कोर्ट से कहा था कि मिशेल को आईएसडी कॉल करने की इजाजत दी जाए ताकि वह अपनी बेगुनाही के लिए साक्ष्य पेश कर सके। याचिका में कहा गया था कि अभियुक्त ब्रिटिश नागरिक है और भारत में उसका कोई नजदीकी रिश्तेदार या मित्र नहीं है। याचिका में कहा गया था कि अभियुक्त आईएसडी कॉल का खर्च वहन करने को तैयार है। याचिका में कहा गया था कि उसे जेल में अपने वकील से मिलने की अनुमति दी जाए ताकि वह अपने वकील को अपनी बात बता सके।

पटियाला कोर्ट के फैसले के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन नेहर सप्ताह 15 मिनट तक इंटरनेशनल कॉल कर परिजनों से बात करने के लिए दी गई अनुमति को कम करने की याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा था कि जेल मैनुअल में केवल 10 मिनट तक बात करने की अनुमति देने का प्रावधान है।

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