Gumla,कृषि वैज्ञानिक और मत्स्य पालन विशेषज्ञ की गला रेत कर निर्मम हत्या

Jharkhand : घाघरा प्रखंड मुख्यालय स्थित कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शिव कुमार भगत के केला बागान में सोमवार की रात अज्ञात हमलावरों कृषि वैज्ञानिक लोकेश पुट्टास्वामी (50) मैसूर (कर्नाटक) और मत्स्य पालन विशेषज्ञ मडिला देवदासु (51) श्रीरामपुरम कटिवरम श्रीकाकुलम (आंध्रप्रदेश) की गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी।हत्या की खबर फैलते ही पुलिस महकमा सकते में आ गया। दोनों के सिर पर धारदार हथियार से वार किये गये थे। बताया जाता है कि सोमवार की देर रात अज्ञात अपराधी केला बगान स्थित आवास पहुंच जहां दोनों रहते थे। सबसे पहले घर के बाहर लगे बल्ब एवं तार को नोच डाला। उसके बाद आवाज देकर दरवाजा खोलवाने के बाद अपराधी अंदर घुसे गए। लोकेश एवं मडिला के सिर पर धारदार हथियार से वार कर दिया।

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लोकेश जख्मी होकर वही गिर गये। गिरने के बाद अपराधियों ने निर्मम तरीके से गला रेत कर उसकी हत्या कर दी। मडिला जख्मी हालत में बाहर की ओर भागा। अपराधियों ने उसे घर से करीब 50 फीट की दूरी पर दौड़ाकर पकड़ लिया और सिर व शरीर के अन्य हिस्सों पर वार कर उसकी भी हत्या कर दी। हत्या के बाद अपराधी लोकेश का मोबाइल एवं पैशन प्रो मोटरसाइकिल भी अपने साथ ले गए । चार माह पूर्व लोकेश ने मत्स्य पालन विशेषज्ञ विशेषज्ञ मडिला देवदासु को मत्स्य पालन के लिए घाघरा बुलाया था।

इधर, सूचना आ रही है कि भंडरा एवं बेड़ो के बीच में एक मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया गया है। संभवत: जांच को प्रभावित करने के उद्देश्य से मोटरसाइकिल को दूसरे जगह ले जाकर अपराधियों ने जला दिया। जली हुई मोटरसाइकिल लोकेश की ही है । हालांकि, पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस निरीक्षक एस.एन. मंडल एवं घाघरा के थाना प्रभारी आकाश पांडेय, बीडीओ विष्णु देव कच्छप घटनास्थल पहुंचकर वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की। शवों को देखने के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ घटनास्थल पर उमड़ पड़ी। पुलिस इंस्पेक्टर ने बताया कि दो लोगों की हत्या अज्ञात अपराधियों द्वारा कर दी गयी है। पुलिस अनुसंधान में जुट गई है। हत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है।

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लोकेश ने कृषि के क्षेत्र में घाघरा को दिलाई थी पहचान

कृषि वैज्ञानिक लोकेश पुत्तास्वामी कर्नाटक से करीब 15 वर्ष पूर्व घाघरा आये थे। साउथ की एक बॉक्साइट उत्खनन कंपनी जियोमेक्स जो गुमला जिला में उपरपाट माइंस क्षेत्र में बॉक्साइट उत्खनन का कार्य कर रही थी एवं इसका दूसरा उपक्रम जो कृषि क्षेत्र में काम करती थी। वह गुमला के घाघरा प्रखण्ड मुख्यालय स्थित महदनिया टोला में करीब 30 से 40 एकड़ जमीन लीज पर लेकर शिवकुमार भगत के साथ वैज्ञानिक तरीके से केले की खेती की शुरुआत की ।

लोकेश उसी समय से मुख्य कृषि वैज्ञानिक के रूप में कार्य करते आ रहे हैं। बाद में लोकेश ने केला के अलावा एस्ट्रॉबेरी, पपीता, खीरा, तरबूज सहित अन्य मौसमी सब्जियों की भी खेती करने लगे। यहां के फल व सब्जियां बाहर के बाजारों में भी भेजी जाने लगी। लोकेश हँसमुख, शांत, मिलनसार एवम दूसरों के मददगार थे। इनकी किसी से कोई दुश्मनी नही थी। समय-समय पर लोकेश स्थानीय कृषकों को भी वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित व प्रशिक्षित करते रहे है। चार माह पूर्व उन्होंने घाघरा में ही मत्स्यपालन के लिए आंध्र प्रदेश से मत्स्य पालन विशेषज्ञ मडिला देवदासु को घाघरा बुलाया था।लोकेश अविवाहित थे। वे अपने काम के प्रति पीरी तरह समर्पित थे। लोकेश और मडिला देवदासु की हत्या से स्थानीय लोग हतप्रभ एवं दुखी है।

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