रांची। झारखंड सरकार के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा है कि एमआरपी से ज्यादा मूल्य पर शराब बेचने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी। शुक्रवार को सिद्दीकी ने बताया कि उत्पाद शुल्क में वृद्धि की वजह से शराब की कीमतों में 20 फ़ीसदी तक वृद्धि हुई है। अभी पुराने प्रिंट रेट की शराब की आपूर्ति हुई है। लेकिन रेट बढ़ा हुआ है । फिर भी कोई एमआरपी से ज्यादा रेट लेता है तो वह बिल्कुल गलत है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। राज्य में एक अप्रैल से लागू नए उत्पाद नीति के तहत अब तक करीब 1300 खुदरा शराब दुकानों के लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। इनमें से तीन सौ से ज्यादा संचालकों ने पैसा जमा कर शराब उठाकर दुकानें खोल दी हैं। दूसरी और उत्पाद शुल्क में वृद्धि से शराब की कीमत में 20 फ़ीसदी तक बढ़ोतरी हुई है । जबकि बीयर की बोतलों पर 20 रुपये तक की वृद्धि हुई है। शराब की अब तक जो दुकानें खुली है । उन्हें पुराने प्रिंट रेट वाली शराब की आपूर्ति की गई है। लेकिन नई रेट पर शराब की बिक्री की जा रही है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि पुराने स्टॉक खत्म होने के बाद नए प्रिंट रेट वाली शराब की आपूर्ति हो पाएगी। नए उत्पाद नीति के तहत फाइव स्टार होटल के बार और रेस्टोरेंट के लिए 15 लाख प्रति वर्ष लगेंगे। पहले यह रेट 20 लाख था। राज्य के सभी नगर निगम क्षेत्र के अलावा बोकारो स्टील सिटी और जमशेदपुर शहरी क्षेत्र के लिए 9 लाख प्रति वर्ष के हिसाब से शुल्क देना होगा। राज्य के नगर परिषद क्षेत्र में 7 लाख 20 हजार और पंचायत क्षेत्र में छह लाख प्रतिवर्ष लाइसेंस फीस देना होगा। फाइव स्टार होटल के बार और रेस्टोरेंट में शराब परोसने के लिए एक ही काउंटर होंगे।
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