90 महिलाएं खुद को कोरोना योद्धा के रूप में तैयार करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं है

रांची : संभावित तीसरी लहर में ग्रामीणों के लिए बनेंगे सुरक्षा कवच । पाकुड़ निवासी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर रश्मि टोप्पो कोरोना संक्रमण के संभावित तीसरी लहर से जंग और ग्रामीणों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कवच के रूप में खुद को तैयार कर रही है। रश्मि कहती है सरकार तीसरी लहर से ग्रामीणों को सुरक्षित रखने का लक्ष्य को पूरा करना हमारा संकल्प है। संकटकाल में मानव सेवा से बढकर और कुछ नहीं। सिमडेगा स्थित बानो की ए॰एन॰एम अंजना उरावं समेत करीब 90 महिलाएं खुद को कोरोना योद्धा के रूप में तैयार करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं है।

कौन दे रहा है प्रशिक्षण

झारखण्ड सरकार, प्रेझा फ़ाउंडेशन और एचडीएफ़सी बैंक ‘परिवर्तन’ के पहल पर यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य कर्मियों, सहिया दीदी, आशा दीदी को दिया जा रहा है। ये सभी झारखंड के दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवा बहाल रखने के लिए काम कर रहे हैं। प्रेझा फ़ाउंडेशन द्वारा संचालित नर्सिंग कौशल कॉलेज चान्हो, गुमला एवं चाईबासा में 15 दिवसीय इस आवासीय प्रशिक्षण में 90 प्रशिक्षुओं को भारतीय सैन्य सेवा के रीटाइर्ड डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में एनाटॉमी, संक्रमण नियंत्रण, महामारी विज्ञान, टीकाकरण, ऑक्सीजन प्रशासन, इंजेक्शन, कीटाणुशोधन, नर्सिंग प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी, प्राथमिक चिकित्सा, फिजियोथेरेपी से जुड़ी जानकारी दी जा रही है।

क्यों दिया जा रहा है प्रशिक्षण

राज्य सरकार का मानना है कि प्रशिक्षण में नई तकनीक और तरीक़ों के बारे में स्वास्थ्य कर्मियों को जानकारी दी जाये। क्योंकि कोरोना से लड़ना है तो जानकारी, तकनीक और तरीक़ा जानना जरुरी है। ताकि लोगों को कोरोना से बचाया जा सके। सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी विशेषज्ञों की कमी के कारण इस पाठ्यक्रम को स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि कुशल या समर्पित स्वास्थ्यकर्मी कोरोना महामारी या किसी अन्य संक्रामक बीमारी के प्रबंधन में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग कर सकें। इस प्रशिक्षण में सारी बारीकियों से स्वास्थ्यकर्मियों को अवगत कराया जा रहा है और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना के खिलाफ जंग के लिए खुद को तैयार कर रहें हैं।

“स्वास्थ्यकर्मियों के लिए महामारी विज्ञान पर यह आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का विषय बहुत ही गहन है। स्वास्थ्यकर्मियों को बीमारियों की निगरानी और पहचान से अवगत कराया जा रहा है। घर-घर सर्वेक्षण, कोरोना अनुरूप व्यवहार, जैव चिकित्सा, अपशिष्ट प्रबंधन के साथ-साथ संक्रमण नियंत्रण पर भी जानकारी दी जा रही है।

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