रांची। कांग्रेस ने कहा है कि बिजली की अनियमिति आपूर्ति व रिम्स की बदहाल स्वास्थ्य सेवायें राज्य के लिए गंभीर चुनौती और भयावह समस्या बन गई है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे और राजीव रंजन प्रसाद ने सोमवार को कहा कि 24 घंटे बिजली राज्य के लोगों का सपना बनकर रह गया है। वर्तमान समय में 10-10 घंटे बिजली कट जाती है और विभाग एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप में व्यस्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि गर्मी में ही नहीं वर्षों भर बिजली की कमोवेश यही स्थिति है। बिजली की अनियमित आपूर्ति से जल संकट भी गहराता जा रहा है।
बिजली और पानी को लेकर अस्पतालों में भी स्वास्थ्य सेवायें प्रभावित हो रही है। पिछले वर्ष 2018 में बिजली उपलब्ध नहीं रहने के कारण ऑपरेशन थियेटर में तीन मरीजों की मौत हो गई है थी। वहीं दूसरी तरफ अगर राजनीतिक दल बिजली की आपूर्ति को लेकर आंदोलन करते है या स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रशासन से सवाल-जवाब करते हैं जो संविधान में अधिकार प्रदत्त है तो सरकार मुकदमें दर्ज कराती है। उन्होंने कहा कि बजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए युद्धस्तर पर रणनीति बनाई जानी चाहिए। बिजली व्यवस्था को सुधार करने के लिए पॉली कैब ( जो कि केबल बनाती है ) को पिछले दो साल से जिम्मेदारी दी गई, जिसमें पिछले दो वर्षों में स्थितियां अच्छी होने के बजाय खराब कर दी गई है।
प्रवक्ता ने कहा कि बिजली विभाग के कई अधिकारी ने दबे जुबान से बताया कि पॉली कैब ने नीचे से लेकर उपर तक सबको चढ़ावा दे दिया और जिसका नतीजा है कि पॉली कैब मेनटेनेनस, ट्रान्सफार्मर, फ्यूज के नाम पर आम लागों का जीना हराम कर दिया है। ऐसी कंपनी को अविलंब काली सूची में डालना चाहिए। सरकार को कम से कम मुस्लिम समुदाय के महत्वपूर्ण त्योहार रमजान का ख्याल करना चाहिए। सबसे दुखद पहलू यह है कि बिजली विभाग स्वंय मुख्यमंत्री के अधीन है और पता वहीं वे इतने निर्दयी और निकम्मे कैसे हो गये हैं। स्वास्थ्य मंत्री रामचन्द्र चंद्रवंशी को तो जैसे गरीबों की कोई चिंता ही नहीं है। आचार संहिता की वजह से आम लोग खामोश है। वरना बिजली और स्वास्थ्य सेवायें को लेकर आम लोगों में काफी आक्रोश और असंतोष है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही इस दिशा में पहल नहीं की गयी, तो 20 मई को पार्टी द्वारा बिजली विभाग के समक्ष आक्रोश प्रदर्शन किया जाएगा एवं अधिकारियों को तालाबंदी किया जाएगा।
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