आदिकवि वाल्मीकि द्वारा मिथुनरत क्रौंच युगल के नर का व्याध द्वारा वध किए जाने पर क्रौंच के चीत्कार को सुनकर प्रथम काव्य रचना

युद्धरत हूँ मैं : जिजीविषा गुंजाती कविताएँसमीक्षक : आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’ युद्धरत हूं मैं (कविता संकलन)कवि – हिमकर श्यामप्रकाशक – नवजागरण प्रकाशन , दिल्लीप्रकाशन वर्ष – 2018मूल्य – ₹ 275 आदिकवि वाल्मीकि द्वारा मिथुनरत क्रौंच युगल के नर का व्याध द्वारा वध किए जाने पर क्रौंच के चीत्कार को सुनकर प्रथम काव्य रचना हो, नवजात शावक शिकारी द्वारा मारे जाने पर हिरणी के क्रंदन को सुनकर लिखी गई गजल हो, शैली की काव्य पंक्ति ‘अवर स्वीटैस्ट सौंग्स आर दोस विच टैल अॉफ सैडेस्ट थॉट’ या साहिर का गीत ‘हैं…

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