शहीद विजय सोरेंग के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही जमे हुए थे लोग

गुमला। पुलवामा के शहीदों के सम्मान में शनिवार को पूरा गुमला बंद रहा । शोक सभाओं का दौर जारी रहा। लोगों ने शहीदों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। जिला मुख्यालय स्थित अधिकांश व्यवसायिक प्रतिष्ठान व दुकाने बंद रही। यात्री वाहनों का परिचालन भी अपेक्षाकृत कम हुआ। इधर, पुलवामा के शहीद विजय सोरेंग के अंतिम संस्कार का साक्षी बनने के लिए उनके पैतृक गांव फरसामा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। गुमला के उपायुक्त शशिरंजन, पुलिस अधीक्षक आश्विनी कुमार सिन्हा व सीआरपीएफ के जवान सुबह से ही फरसामा में शहीद के अंतिम संस्कार की तैयारियों में लगे हुए थे। शहीद विजय सोरेंग के पिता वृष सोरेंग,मां लक्ष्मी देवी, पत्नी बिमला देवी, पुत्री बरखा,रेखा व सृष्टि व पुत्र राहुल का रो-रोके बुरा हाल था। उनकी सिसकियों से पूरा माहौल गमगीन था। इस दौरान युवकों की टोलियां वंदे मातरम, भारत माता की जय,शहीद विजय सोरेंग अमर रहे,पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारे लगाते हुए फरसामा पहुंची। स्थानीय ग्रामीणों के अलावा स्कूली बच्चें भी मां भारती के इस लाल का अंतिम दर्शन के लिए बेताब नजर आ रहे थे। सभी के चेहरों पर गम और गुस्से का भाव था। गम शहीद के लिए और गुस्सा ना-पाक के पीएम इमरान खान और उसके आतंकियों के प्रति था। इसी बीच कई बड़ी हस्तियां भी महगामा गांव पहुंची। सांसद समीर उरांव अपने कार्यकर्ताओं के साथ महगामा पहुंचे। शहीद विजय सोरेंग के परिजनों से मिले और उन्हें सांत्वना दी। मौके पर उन्होंने कहा कि आतंकियों के कायराना पूर्ण कार्रवाई में जवानों की शहादत से पूरा देश मर्माहत है। समस्त देशवासी शहीदों के परिजनों के साथ है। उरांव ने कहा कि सेना और सरकार इस घटना के लिए जिम्मेवार लोगों को माकूल जवाब देगी। एडीजी रेजी डुंगडुंग,पूर्व डीआईडी शीतल उरांव,हेमंत टोप्पो,तेली समाज के अध्यक्ष उदासन नाग,बीस सूत्री के जिला उपाध्यक्ष हीरा साहु, भाजपा के प्रदेश मंत्री मुनेश्वर साहु,भूपन साहु आदि लोगों ने भी परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढाढस बंधाया। बड़ी संख्या में लोग हैलिपैड के चारों ओर जमे हुए थे और चौपर का आने का इंतजार कर रहें थे।

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