पारा शिक्षकों की हड़ताल से 122स्कूलों के बच्चों का भविष्य अधर में

पाकुड़। पारा शिक्षकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते जिले के 122 स्कूलों के बच्चों का भविष्य अधर में लटकता दिख रहा है । विभाग ने इनके पाठ्यक्रमों को पूरा कराने की जिम्मेवारी विभिन्न संस्थानों के बीएड व डीएलएड प्रशिक्षुओं को सौंपा है। विभागीय अधिकारी चाहे जितने भी दावे कर लें पर सच्चाई यह है कि इस हड़ताल से सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। यह बात दीगर है कि गिरती शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विभागीय अधिकारी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं । अधिकांश स्कूलों में राशि के अभाव में मध्यान्ह भोजन योजना बंद पड़ी हुई है । इससे भी बच्चों की उपस्थिति प्रभावित हो रही है । हालात यह है कि कई स्कूलों में तो इंटर के छात्रों को आठवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रमों को पूरी करने की जिम्मेवारी दे दी गई है, जो अपने आप में एक बड़ा सवाल है। सदर प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय आंजना वर्ग आठ तक में कुल 1072बच्चे हैं । तेरह पारा शिक्षक जो हड़ताल पर कार्यरत थे हैं । इस विद्यालय में बीएड के तेरह प्रशिक्षुओं को लगाया गया है , जो वर्ग नौ से लेकर इंटर तक को पढ़ाएँगे । वहीं आठवीं तक के बच्चों के लिए महज ही शिक्षक हैं । यही स्थिति उत्क्रमित मध्य विद्यालय हरिगंज की है । यहाँ 422 बच्चों को छह पारा शिक्षक पढ़ाते थे । सबके सब हड़ताल पर हैं । फिलहाल दो सरकारी शिक्षक व दो गाँव के ही इंटर व बीए की छात्राओं को लगाया गया है । कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि आठवीं तक के बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे है । इस दिशा में विभागीय व सरकार के स्तर से अब तक कोई ठोस पहल तक नहीं की जा सकी है । अभिभावक भी बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हो उठे हैं । उधर, जिला शिक्षा पदाधिकारी सह प्रभारी जिला शिक्षा अधीक्षक रजनी देवी ने बताया कि पारा शिक्षकों की हड़ताल से प्रभावित स्कूलों में पाठ्यक्रमों को पूरा कराने की जिम्मेवारी बीएड व डीएलएड के प्रशिक्षणार्थियों को बैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सौंपी गई है । जहाँ तक परीक्षा का सवाल है तो इस संबंध में वरीय अधिकारियों से अब तक कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है । जैसा निर्देश मिलेगा वैसा किया जाएगा ।

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