राज्यपाल को जैन धर्म के प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा सात सूत्री मांग पत्र

रांची। जैन धर्म के समता युवा संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार जैन के अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल संतोष गंगवार को ज्ञापन सौंपा। साथ ही जैन धार्मिक के पूज्य आचार्य प्रवर 1008 श्री रामलाल के 50 वर्ष साधना और साधुत्व को समर्पित “अभिरामम” नामक पुस्तक और स्मृति चिन्ह भी भेंट की। यह पुस्तक संघ और राष्ट्र हित में है। इस किताब में जैन धर्म के मूल सिद्धांत और महावीर के उपदेशों का विस्तृत वर्णन है, जो समाज में अहिंसा और करुणा के मूल्य को बढ़ावा देता है।
ये है प्रमुख मांग: व्यापारियों की सुरक्षा: जैन व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। व्यापारियों को सुरक्षा प्रदान करना, न केवल उनके व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आर्थिक विकास में भी योगदान देता है। महावीर शिक्षा: महावीर के उपदेशों और जैन धर्म के मूल सिद्धांतों पर शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। यह युवा पीढ़ी को सही दिशा में मार्गदर्शन देने में सहायक होगा।
रांची में भूमि की मांग: जैन धार्मिक गतिविधियों के लिए रांची शहर में उपयुक्त भूमि उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। इससे जैन समुदाय के कार्यक्रम और आयोजन आसानी से हो सकेंगे, जो समुदाय की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करेगा। सोशल मीडिया में अपमानजनक सामग्री का नियंत्रण: सोशल मीडिया पर जैन धर्म के प्रति अपमानजनक और भड़काऊ वीडियो की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने की अपील की गई। यह जरूरी है कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाए और समाज में सकारात्मक संवाद को बढ़ावा दिया जाए।
पारसनाथ विकास: पारसनाथ मंदिर, जो जैन धर्म का एक पवित्र स्थल है, के आस-पास सभी प्रकार के मांसाहारी भोजन और शराब पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है, ताकि इस क्षेत्र की धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाओं का सम्मान किया जा सके।
सामान्य जनता की सुरक्षा: रांची शहर में आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। सभी नागरिकों को सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है, और इसके लिए सरकार को ठोस नीतियां बनानी चाहिए। महावीर जयंती के अवसर पर झारखंड में सभी प्रकार के मांसाहारी भोजन और शराब पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है, ताकि इस पावन पर्व की धार्मिक भावना और जैन संस्कृति का सम्मान किया जा सके। इस दौरान राज्यपाल ने इन सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।

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