Ranchi: रांची के सुप्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित देवनिका अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर में एक अत्यंत जटिल चिकित्सा प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। इस प्रक्रिया का नेतृत्व वरीय कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर रवि प्रेमचंद काछेला ने पेट की फटी हुई नस को बैलून के द्वारा बंद करके मरीज़ की जान बचाई। यह मरीज रांची के एक अस्पताल में पेट दर्द के कारण भर्ती हुआ था, जहां उसे प्रेनक्राइटाइटिस नामक बीमारी से ग्रसित पाया गया। उपचार के दौरान, मरीज के मलद्वार से खून आने लगा और स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि एक ही दिन में उसे 6 बोतल खून चढ़ाने के बावजूद उसका हीमोग्लोबिन 5 से ऊपर नहीं आया।
आखिरकार, मरीज को रात में ही देवनिका अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर में लाया गया, जहां डॉक्टर काछेला और उनकी टीम ने तुरंत उसकी स्थिति का आकलन किया। पेट की खून की नालियों की जांच करने पर, उन्होंने देखा कि पेट की एक नली से रक्त का रिसाव हो रहा था। इस स्थिति को गंभीर मानते हुए, डॉक्टर काछेला ने माइक्रो कैथेटर एवं पतली तार और बैलून की सहायता से बिना किसी सर्जिकल कट के उस नली को सफलतापूर्वक बंद कर दिया। यह प्रक्रिया इतनी जटिल और संवेदनशील थी कि इसमें अत्यंत कौशल की आवश्यकता थी, जिसे देवनिका अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर की टीम ने बखूबी निभाया।
इस जटिल चिकित्सा प्रक्रिया के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद, मरीज की हालत में तेजी से सुधार हुआ। देवनिका अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर में प्राप्त इस उत्कृष्ट उपचार के कारण अब मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुका है और उसे घर भेज दिया गया है। यह पूरी घटना देवनिका अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर की उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं का एक और उदाहरण प्रस्तुत करती है।
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