बिकरू कांड : उप्र के पूर्व डीजीपी की सर्वोच्च न्यायालय से अपील- सोच समझकर करें निर्णय

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक एनके जैन ने सोशल मीडिया में एक वीडियो जारी करके कहा है कि ‘मैं इस वीडियो के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय और मुख्य ​न्यायधीश व अन्य लोगों से अनुरोध करना चाहता हूं कि ऐसा कोई निर्णय न पारित करें, जिससे पुलिस बल का मनोबल टूट जाये। उत्तर प्रदेश में पुलिस को बहुत बड़ा आघात पहुंचा है। 

उन्होंने कहा कि ‘मैंने भी 36 साल पुलिस विभाग में सेवाएं दी है। यूपी के डीजीपी पद से सेवानिवृत्त हुआ हूं। मैंने इस प्रकार जघन्य और वीभत्स हत्याकांड नहीं देखा है। यह एक प्रयास था जंगलराज  और पैरेलल गर्वमेंट की स्थापना करने का। पुलिस कर्मियों को इंगित करके, चिन्हित करके एक-एक करके मारा गया। उतर करके उनके सिरों में गोलियां मारी गयी, उनके पैर काटे गए और  उनके हथियार भी लूट लिए गए। 
उन्होंने कहा कि इस प्रकार का जघन्य अपराध तो नक्सलवादी भी नहीं करते हैं। उनके शवों को एक जगह इकट्ठा कर लिया गया था। इसमें गांव के कई घरों के लोग उनको सहयोग कर रहे थे। अगर हम इस पर भी कड़ी कार्रवाई नहीं करेंगे तो कल से पुलिस बल कहीं पर भी सुरक्षित नहीं रहेगा। जहां जायेंगे वहीं पर लोग इसकी पुनर्रावृत्ति करने का प्रयास करेंगे।  
मेरा अनुरोध है कि सोच समझकर इस पर निर्णय पारित किया जाये, जिससे पुलिस बल का भी मनोबल ऊंचा रहे। इस घटना के बाद लोगों में हताशा हो गयी थी। आम जनता में डर बैठा गया था। जनता को यह लगने लगा था कि जब पुलिस से डिप्टी एसपी समेत 50 लोग दबिश पर गये वो सुरक्षित नहीं है तो हमारा क्या होगा। यह तो जंगलराज की स्थापना कर देता कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में। उगाही, फिरौती, अपहरण यह सब और बड़े पैमाने में शुरू हो जाती। इसके दमन चक्र का अंत किया नितान्त आवश्यक था। इसके गैंग के खिलाफ निरंतर कार्रवाई चल रही है अभी इसके बहुत से गुर्गो बचे हुए हैं। 
मेरी अपील है कि यह जो कार्रवाईयां चल रही है इस पर निरंतरता बनी रहे। इसमें कहीं बीच में इस पर कोई रोक न लग जाये, इसमें ऐसा कोई निर्णय न हो जाये कि जिससे पुलिसकर्मी यह समझने लगे कि हम ही जांच के घेरे में आ गये हैं, अब हमें ही जवाब देना पड़ेगा, जिससे ​डिफेंसिव पुलिसिंग प्रारम्भ हो जायेगी। 
इससे मेरा अनुरोध है कि पुलिस कर्मियों के बीच ह्यूमन राइट की रक्षा किया जाना मैं सर्वोच्च न्यायालय का ही दायित्व समझता हूं। मेरा उनसे अनुरोध है कि पुलिसकर्मियों को भी न्याय मिलना चाहिये। उन्होंने कहा कि यह बहुत खेद का विषय है कि जो कानपुर में पुलिसकर्मियों का नरसंहार हुआ है, उसके तुलना यूपी के कानपुर तथा तेलंगाना के एनकाउंटर की एक सामान माना जा रहा है। तेलंगाना के एनकाउटर में चार खुंखार, बलात्कारी, हत्यारे मारे गए थे। जब पुलिस उन्हें घटनास्थल पर ले गई थी घटना का निरीक्षण कराने। यहां पर निर्दोष पुलिस बल अपने ड्यूटी को अंजाम देने सीओ के नेतृत्व में गया था। कानपुर की घटना अंजाने में नहीं हुई है, इसे अंजाम ​दिया गया है।