रांची। झारखंड सरकार ने गुरुवार को द नज इंस्टीट्यूट की ओर से संचालित इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप (आईएएफ) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए । इसके तहत राज्य में आईएएफ की शुरुआत की जा रही है और इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। यह 18 महीने का एक अनूठा कार्यक्रम है, जिसमें निजी क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी और झारखंड सरकार के सिविल सेवक एक साथ मिलकर जनहित योजनाओ पर टेक्नोलोजी आधारित इनोवेशन को लागू करेंगे।इस समझौते के तहत चुने गए फेलोज़, मुख्य सचिव ऑफिस, आद्यौगिक एवं वाणिज्य, वित्त, ग्रामीण विकास, कृषि, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग जैसे पांच प्रमुख सरकारी विभागों के साथ मिलकर काम करेंगे।
द नज आईएएफ के प्रबंध निदेशक विवेक शर्मा ने कहा कि हमारी संस्थान सरकार की कार्य प्रणाली को टेक्नोलॉजी के ज़रिए बेहतर बनाने में मदद करती है। हमारी कोशिश है कि सरकार लोगों को बेहतर सेवाएं दे सके और लोगों की ज़िंदगी आसान हो जाए। हमने पहले भी कई राज्यों और केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम किया है और हमें अच्छे परिणाम मिले है। हमने देखा है कि जब सरकार और निजी क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी मिलकर काम करते हैं तो बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं। इस फेलोशिप पर झारखंड सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिये हम आभारी एवं उत्साहित हैं। हमारा उद्देश्य लाखों लोगों की ज़िंदगी और आजीविका को बेहतर बनाना है।
यह भारत में आईएएफ का पांचवां बैच होगा।
इस प्रोग्राम का मकसद सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग बढ़ाना है जिससे बड़े पैमाने पर प्रभावी और नई टेक्नोलोजी आधारित इनोवेशन को बढ़ावा मिले ताकि ज्यादा से ज़्यादा नागरिकों की जिंदगी में सुधार हो सके। इस प्रोग्राम में कॉर्पारेट क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारियो को 18 महीनों तक राज्य प्रशासन के साथ काम करने का मौका मिलेगा, ताकि वे झारखंड के विकास में योगदान दे सकें।
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