उत्तर प्रदेश से राहुल गांधी फार्मूले के तहत वंचित तबकों को संगठन में पद देकर हुई प्रदेश स्तरीय सामाजिक न्याय की शुरुआत -अविनाश पाण्डेय

शशि भूषण दूबे कंचनीय/रोमेश रंजन दूबे

लखनऊ 22 मार्च। कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपनी नई जिलाध्यक्ष और शहर अध्यक्षों की सूची के जरिए एक ऐसी रणनीति अपनाई है, जो सामाजिक समावेशन और जमीनी मजबूती को केंद्र में रखती है। इस सूची में 131 जिला/शहर कांग्रेस कमेटी (DCC/CCC) के अध्यक्षों के पदों की घोषणा की गई है, जिसमें पिछड़े, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और महिलाओं को 65% पद देकर पार्टी ने एक मजबूत संदेश दिया है। AICC महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय, और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व—राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी—के मार्गदर्शन में यह कदम सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। हमारे मुख्य संवाददाता शशि भूषण दूबे कंचनीय की उत्तर प्रदेश में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पूर्व सांसद अविनाश पांडेय से दूरभाष पर हुई बातचीत के बाद उन्होंने बताया है कि प्रदेश प्रभारी के नाते उनकी निगरानी में कांग्रेस संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत लगभग सौ दिनों में नए संगठन का निर्माण किया गया है ।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने AICC में जो हाल की नई कमेटी में बदलाव किए थे वो राहुल गांधी के सामाजिक न्याय के विचारों को दर्शाता हैं। राहुल गांधी लगातार एससी-एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को मुख्य धारा में जोड़ने की बात करते हैं। पिछले साल 26 दिसंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी में सुधारों को हरी झंडी दी गई थी। संगठनात्मक बदलाव से कांग्रेस के नेतृत्व वाले पदों पर दलित और पिछड़े वर्गों की समान भागीदारी सुनिश्चित होगी।

जातिगत संरचना और सामाजिक समावेशन:
मीडिया को दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 131 DCC/CCC अध्यक्षों के पदों में से सामान्य वर्ग को 46 पद (35.11%) दिए गए हैं, जबकि बाकी 85 पद (64.89%) पिछड़े (OBC), अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अल्पसंख्यक समुदायों को दिए गए हैं। OBC को 48 पद मिले हैं, जिसमें मुस्लिम OBC भी शामिल हैं, जो उत्तर प्रदेश में इस समुदाय की बड़ी आबादी को देखते हुए एक रणनीतिक कदम है। अल्पसंख्यक समुदाय को 32 पद (24.41%) दिए गए हैं, जो उन क्षेत्रों में पार्टी की पकड़ मजबूत करने की कोशिश को दर्शाता है, जहां मुस्लिम मतदाताओं का प्रभाव है। अनुसूचित जाति को 19 पद (14.50%) और अनुसूचित जनजाति को 1 पद (0.76%) दिया गया है। यह संरचना राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की उस सोच को प्रतिबिंबित करती है, जिसमें वंचित तबकों को मुख्यधारा में लाने पर जोर दिया गया है।

महिलाओं को सशक्तिकरण का संदेश:
इस सूची में 8 महिलाओं (6.11%) को अध्यक्ष पद दिए गए हैं, जो प्रियंका गांधी के “लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ” अभियान की भावना को आगे बढ़ाता है। उत्तर प्रदेश में महिलाएं एक बड़ा मतदाता समूह हैं, और उन्हें नेतृत्व की जिम्मेदारी देकर पार्टी ने इस वर्ग को सशक्त करने का संदेश दिया है। प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी ने हमेशा महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है, और यह कदम उसी दिशा में एक और कदम है।

युवा ऊर्जा और अनुभव का मिश्रण:
आयु-आधारित आंकड़े बताते हैं कि पार्टी ने युवा नेतृत्व को मौका देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 41-50 आयु वर्ग के 59 लोग और 31-40 आयु वर्ग के 24 लोग शामिल हैं, जो कुल मिलाकर 63% से अधिक हैं। औसत आयु 47.97 वर्ष है, जो अनुभव और युवा ऊर्जा के बीच संतुलन को दर्शाता है। 61 वर्ष से अधिक आयु के केवल 7 लोग हैं, जो यह संकेत देता है कि अविनाश पांडे और अजय राय ने नए चेहरों को जिम्मेदारी देकर संगठन में ताजगी लाने की कोशिश की है।

चुनावी रणनीति और जमीनी मजबूती:
यह रणनीति 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बनाई गई है। 64.89% पद OBC, SC, ST, और अल्पसंख्यक समुदायों को देकर पार्टी ने उन तबकों को प्राथमिकता दी है, जो उत्तर प्रदेश की आबादी का बड़ा हिस्सा हैं और चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं। राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेशाध्यक्ष अजय राय और राष्ट्रीय सचिवों ने जिला और शहर स्तर पर नेतृत्व में विविधता लाकर स्थानीय मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने और समाधान करने की क्षमता बढ़ाने की कोशिश की है।

सामाजिक न्याय की दिशा में एक कदम:
65% पद देकर कांग्रेस ने सामाजिक न्याय और समानता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है। यह कदम उन लोगों तक पहुंचने की कोशिश है, जो खुद को मुख्यधारा से बाहर महसूस करते हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने हमेशा सामाजिक समावेशन पर जोर दिया है, और यह सूची उसी सोच को साकार करती है। पार्टी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह न केवल इन समुदायों की आवाज सुन रही है, बल्कि उन्हें नेतृत्व की जिम्मेदारी देकर सशक्त भी कर रही है।

सामाजिक न्याय की रणनीति का 2027 विधानसभा पर असर:
कांग्रेस की यह रणनीति उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत करने, सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देने, और भविष्य के चुनावों के लिए एक व्यापक आधार तैयार करने की दिशा में एक साहसिक कदम है। अविनाश पांडे और अजय राय ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, और सोनिया गांधी के मार्गदर्शन में इस सूची को तैयार किया है, जो पार्टी की प्रगतिशील सोच को दर्शाता है। 64.89% पद वंचित तबकों को देकर और युवा नेतृत्व को मौका देकर कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर अपनी सक्रियता बढ़ाने का कदम उठा लिया है। राहुल गांधी के सामाजिक न्याय, अविनाश पांडे की रणनीति और अजय राय के निडर स्वभाव और जुझारूपन से आगामी आने वाला समय बीजेपी के लिए बेचैन करने वाला परेशानी खड़ा करने वाला है। कांग्रेस की रणनीति का असर प्रदेश के आगामी 2027 विधानसभा में भी देखने को मिलेगा।

This post has already been read 124 times!

Sharing this

Related posts